Tuesday, December 11, 2012

दफ्तर (हाइकु)

दफ्तर का काम इतना बुरा नहीं, सही है

पर जिस दिन खिड़की के बाहर बारिश दिखती है

उस दिन ज्यादा ऊब पैदा होती है

Thursday, December 6, 2012

Capitalism - बिजली तुम पर भी गिरेगी (A simplified and concise note)

जो आदमी produce करे, वो गरीब रहे या और गरीब होता जाए; कोई और आदमी सारा मुनाफा ले जाए और अमीर होता जाए?????? क्या economics में Ph.D. करनी होगी ये जानने के लिए कि ये system, जो common sense ,justice, ethics, logic हर हिसाब से गड़बड़ दिख रहा है, ये गलत है।

मेरे सभी दोस्त आज capitalism (पूंजीवाद) की जय-जयकार कर रहे हैं 'quality of products' का हवाला दे कर। क्या हम ज्यादा ही selfish नहीं हो गए हैं???

लेकिन क्यूँ फिर मेरे यही दोस्त अपनी नौकरी को गाली देते रहते हैं? क्या हम इस तरह खुश रहेंगे? अब भी अगर इनकी फैलाई हुई consumerism से हम अपने बुझे दिल को बहला रहे हैं, malls में खरीदार बनकर, शनिवार को शराब पीकर, पर जल्द ही कुछ सालों में situation और संगीन होगी........ आज नहीं तो कल, बिजली हम पर भी गिरेगी..... पहले africa से slaves import होते थे, अब हमारी बारी है.

अभी तो card punching, motion study, stayback after office, 26 Rs/hour पर इनके hi-fi restaurant में waiter, 6000 Rs/month के engineer इतना ही है। क्यूँकि लोग गरीब हैं तो वे इनका सामान नहीं खरीदते, local सामान अभी भी बिकता है, सरकार भी अपनी companies बेच देने के बाद, अपनी agencies को privatize करने के बाद भी कुछ रोज़गार तो निकालती ही है पर जल्द ही बाकी सब भी privatize हो जाएगा, इनकी 5 Rs की छोटू noodles, 1 Re का coffee पाउच, 10 Rs का छोटा recharge की तरह हरेक सामान अमीर-गरीब-सबके लिए यही लोग बनाएँगे, local entrepreneurs का (पूरी तरह से) खातमा हो चुका होगा, इनके लिए काम कैसे करना है, पढाई का मकसद केवल यही सीखना रह जाएगा।

उस समय जब सारी खेती की ज़मीन को ये सरकार के जरिये हथिया (acquire) चुके होंगे, जंगल काट चुके होंगे, हर तरफ इनके कारखाने, और उन में बनने वाले सामान को बेचने के लिए malls होंगे, जब सारा सामान, सारी नौकरियाँ केवल इनकी ही होंगी, सरकार का काम केवल administration का रह जाएगा, और वो समय दूर नहीं, तब हम पूरी तरह से इन कुछ लोगों के शिकंजे में होंगे, और वे हमारा गला घोंटने से कतराएंगे नहीं.... क्यूँकि ये अपना मकसद साफ़ साफ़ बताने में खुद भी नहीं झिझकते. Business का केवल एक ही मकसद है - Profit (कुछ भी कर के, किसी भी तरह)..........