तुम्हारा जन्म एक
भयंकर दुर्घटना थी
तुम गर्भ से
लिखवा कर आए
थे
नीची नज़रों से देखा
जाना
तुम्हें विरासत में मिला
हुआ था
दुनिया की दुत्कार
खाना
तुमने जब कभी
खुद को
एक इंसान के रूप में
देखने की कोशिश की
तुम्हें आईना दिखाया
गया
तुम्हारी पहचान से अवगत
कराया गया
कि तुम सबसे
पहले एक दलित
हो
और उसके बाद
तुम्हें कुछ होने
नहीं दिया जाएगा
तुम दलितों पर होने
वाले शोषण सहोगे
दलितों के हक
की बात कहोगे
अम्बेडकर तुम्हारे
लिए आदर्श होंगे
तुम दलितों
के लिए निर्धारित
काम करोगे
अगर इतना पढ़-लिख सके
कि किसी नौकरी का सोच
सको
तो नौकरी में आरक्षण
पाओगे
खैर, जो भी
नौकरी पाओ
अगर नेता भी
बन जाओ
तो भी दलित
नेता ही कहलाओगे
उसी दृष्टि से देखे
जाओगे
लेकिन तुम्हारा हरेक बात
पर चकित होना
जीवन को बहते
देखना अविरल
मन में निरंतर
उठते सवाल
प्रकृति पर नित
नया कौतूहल
जिसे अक्सर स्कूल में
मार दिया जाता
है
किसी तरह बच
निकला
तुमने हीन भावना
के नागपाश को
तोड़ दिया
शोषक दुनिया
के लिए नफरत
तुम्हें नहीं जकड़
पायी
जाने कैसे हुआ
यह चमत्कार
जो उस दुर्घटना
से टकरा गया
कि तुम नीचे
तबके के
तुम नीची जाति
के
इतने ऊँचे आसमान
को देखने लगे
जाने कहाँ से
तुमने कार्ल सागन
का नाम सुना
कैसे तुम उसके
रस्ते पर चलने
लगे
मैं नहीं जानता
कि कार्ल सागन
कौन था
पर जिसकी तरह तुम
बनना चाहते थे
वह तुम्हारे जैसा ही
कोई होगा
आसमान में झाँकने वाला
चाँद को निहारने वाला
तारे गिनने वाला
विज्ञान पर लिखने वाला
कोई दीवाना खगोलशास्त्री
तुम उसकी तरह लिखना
चाहते थे
पर इस बार दुर्घटना
चमत्कार से टकरा गई
और अंत में तुम
बस एक सुसाईड नोट लिख
पाए
तुम्हारा एक दुर्लभ
उत्सुक, सुन्दर मन था
जिस में एक निराला
स्वप्न था
तुम स्टारडस्ट से बने
थे
तुम्हारे दिमाग में
बहुत से अनोखे ख्याल थे
मानवता और विज्ञान
के
पर मुझे अफ़सोस है
कि तुम्हारी क्षमता
से दुनिया वंचित रह गई
अब कुछ लोग तुम्हारे
लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं
वे हार मानने को तैयार
नहीं
मुझे उनकी लड़ाई से
बहुत हमदर्दी है
कुछ दूसरे लोग तुम्हें
कायर और पलायनवादी कहते हैं
कहते हैं कि तुम हार
गए
मुझे उनसे और भी ज़्यादा
हमदर्दी होती है
वे जीवन की प्रत्येक
कोमलता से वंचित हो चुके हैं
तुम हार-जीत से परे
जहाँ चले गए हो
वहाँ उनकी कठोरता नहीं
पहुँच सकती
लेकिन उन्हें अपनी
इस कठोरता के साथ
अपना पूरा जीवन गुज़ारना
है
यूनिवर्सिटी, पुलिस,
कचहरी, राजनीति
अब तुम किसी के लिए
जवाबदेह नहीं हो
तुम अनंत में शामिल
हो गए हो
हैदराबाद के एक घर
की छत पर खड़ा हुआ
एक बच्चा एक तारे को
ढूँढ रहा है
ओरियन का एक तारा जो
ओझल हो गया है
क्योंकि हैदराबाद के
आकाश में आज बहुत धुआँ है
कुछ देर वहाँ चमकना
रोहिथ
उस तारे के मिल जाने
पर फिर निकल जाना
नई उल्काओं, ग्रहों,
सितारों
और नए संसारों की खोज
में.....