Wednesday, April 23, 2014

कॉफ़ी हाउस (Coffee house)


                                                             Courtesy : Google Images

इस बार जब मिलेंगे 
कॉफ़ी हाउस चलेंगे 
कॉफ़ी पिएँगे 
सैंडविच खाएँगे 
सिगरेट पिएँगे 
धुआँ उड़ाएँगे 
फिर और कॉफ़ी मंगाएँगे
एक और सिगरेट जलाएँगे 
जब ये सिगरेट बुझ गई 
तो chewing gum चबाएँगे 
chewing gum चबाते हुए 
अपने घर निकल जाएँगे 

ध्यान रखेंगे 
कि सैंडविच, कॉफ़ी, chewing gum 
खाने, पीने, चबाने में 
मुँह व्यस्त रहे 
और इसे मिल ना पाए मौका 
ज़्यादा कुछ कहने का 
नहीं तो जाने 
ये क्या क्या कह जाता है 
दिल की बातें, सच्ची बातें 
सब बाहर ले आता है 
कोई बात बुरी लग जाती है 
हम में से कोई रूठ जाता है 

हम मुँह को इतना ही मौका देंगे 
कि कॉफ़ी की चुस्कियों के बीच 
छोटे से अंतराल में 
बस हम्म, हाँ करते हुए 
ये छोटी-मोटी बातें कह सके 
बगैर जरूरत की 
इधर-उधऱ की 

इसलिए निश्चिंत रहो 
अब कोई फजीहत ना होगी 
अच्छी बातचीत होगी 
तो बता देना जब वक़्त हो 
हम मिलेंगे 
कॉफ़ी हाउस चलेंगे 

    

1 comment:

  1. Bta kb chlna h...pr vha tujhe meri bakwas aur boring sher bhi sunne pdege...

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