तर्क से समझकर कोई किसी की नहीं मानता
सबने माना तो जरूर बेवकूफ़ बनाए जा रहे हैं
बनाएँगे घर चाँद पर, वहाँ मिल गया है पानी,
यहाँ पड़ोस के घर में आग लगाए जा रहे हैं
बिना मतलब के कुछ नहीं मतलबी दुनिया में
हाँ, ज़िन्दगी सब बेमतलब बिताए जा रहे हैं
हर छोटी बात में बहुत दिमाग़ लगाते हैं लोग
बस अंधविश्वास को यूँ ही निभाए जा रहे हैं
रोते हुए बच्चों में उन्हें भगवान नहीं दिखता
और वे पत्थर पर दूध-पानी चढ़ाए जा रहे हैं
किसी को किसी से बात करने का वक़्त नहीं
पर whatsapp पर मैसेज लगातार आए जा रहे हैं
तू उनकी बदहवासी पर हँसता है 'गुलफ़ाम'
वे तुझे पागल जानकर मुस्काए जा रहे हैं
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