Saturday, December 16, 2017

प्यार का गणित (Pyaar ka ganit)




















तंग हालात थे
घर में दाल बनी थी
मुझे दो रोटी की भूख थी
और दो रोटी की तुम्हें भी
रोटियाँ केवल तीन थी
हम इकठ्ठे खाने बैठे
और हम दोनों का पेट भर गया

फिर दिन फिरे
घर में शाही पनीर बना
उस दिन भी हम दोनों को
दो दो रोटी की भूख थी
हम इकट्ठे खाने बैठे
हम ने पाँच रोटियाँ खाई
और मन फिर भी भरा नहीं

बात दाल या शाही पनीर की नहीं
यह प्यार का गणित है
जहाँ दो जमा दो जरूरत में तीन 
और लुत्फ़ में पाँच हो जाता है

(dedicated to my wife on our anniversary)

3 comments:

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  2. Another equation of love " mushkil padne par ek aur ek gyarah ho jate hain"

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  3. Zindagi pyaar ka geet hai,
    Ise har dil ko gaana padega,
    Zindagi gham ka sagar bhi hai,
    Hans ke us paar jaana padega... Ashwani Kumar

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