Sunday, July 9, 2023

सत्यमेव जयते??? (Satyamev Jayate?)

सच परेशान हो सकता है

और पराजित भी


सच को 

अँधेरी रात में

3 बजे श्मशान में 

जलाया जा सकता है


सच को 

गवाहों की लाशों के ढेर में

दबाया जा सकता है


सच को

झूठे केस में फँसाकर

कई महीने या कई साल

जेल में तड़पाया जा सकता है


सच को

किया जा सकता है गुम

झूठ और अफवाहों की भीड़ में


सच को

किया जा सकता है अनसुना

नीरो की बाँसुरी के शोर में


सच को

खरीदा जा सकता है

धमकाया जा सकता है

कुचला जा सकता है पाँव तले


सच वह मार्गदर्शक है

जो समाज को

अँधकार में डूबने से बचाता है


लेकिन

सच कोई सूरज नहीं है

सच कोई योद्धा भी नहीं है


सच है

एक निरीह सफेद कबूतर

जिस पर नज़र टिकाए रहती हैं

खूँखार बिल्लियाँ


सच को बचाना पड़ता है

सच के लिए लड़ना पड़ता है

डर का जाल तोड़कर 

जो़र जो़र से सच बोलना पड़ता है


नहीं तो 

सच परेशान भी हो सकता है

और पराजित भी

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