Sunday, April 28, 2013

नौकरी (कविता)

फटाफट काम निपटाना
कुछ देर आराम फरमाना
फेसबुक पर टाइमपास करना
सोमवार - वीकेंड के लिए बस 5 दिन और
ऐसे ऐसे चुटकले बार-बार लिखना
चाय की चुस्कियाँ भरना
लंच में बॉस से ले कर प्रधानमंत्री
सब की बुराई करना

रेटिंग, परफॉरमेंस रिव्यु के लिए तिकड़म लगाना
प्रमोशन के लिए हलचल मचाना
आला अधिकारियों पर इम्प्रैशन जमाना
अच्छे कॉन्टेक्ट्स बनाना

महँगे मोबाइल,कार, फ्लैट,प्रॉपर्टी इक़ठठा करना
इसे अपनी एकमात्र रूचि बनाकर इस में लिप्त रहना
TA, DA, Increment, बोनस का हिसाब लगाते रहना 
शेयरों के दाम की जाँच करते रहना 

वीकेंड पर टाइमपास फिल्म देखना
शनिवार शाम दोस्तों के साथ शराब पीना
रविवार सोते हुए निकाल देना 
कभी कभी ऋषिकेश या जयपुर तक की
एक वीकेंड ट्रिप बना लेना
फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करना
और लिखना "वी हैड फन" 

धीरे-धीरे मैं सीख रहा हूँ मैं नौकरी करना 

2 comments:

  1. सीख रही हुँ
    मैं भी नौकरी करना
    रम जाना
    हर रोज के शून्य में
    और हाँ
    इसी तरह
    अब तो काटने लगी है
    जिंदगी भी

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