Monday, June 10, 2013

संस्कारी विवाह

तुम्हारे पास कितना रुपया-पैसा है 
क्या नौकरी करते हो, घर कैसा है 
तुम्हारा धर्म-जात हमसे अलग नहीं है ना 
सिगरेट-शराब का ऐब तो तुम में नहीं है ना 
ब्यौरा दो बापू को, सब बताओ 
ओके है, अब मुझे देखने आ जाओ।
अच्छे से देखो, घूरो मुझे शरमाते हुए
सवाल पूछो, जवाब हैं मुझे रटे हुए   
जी हाँ, मैं घर का काम कर लेती हूँ 
नौकरी करती हूँ, ठीक-ठाक कमा लेती हूँ
हाँ, मेरी hobbies भी हैं एक-दो। 
अब तुम्हें भी बात कर के ठीक लगा हो तो 
सौदे-सामान की बात करो 
ठीक है, ये सब मिल जाएगा, 
अब मांग में सिन्दूर भरो 
सात फेरे लो 
'स्वाहा' बोल कर आग में आहूति दो 
अब मंगलसूत्र पहनाओ 
हो गया, अब मुझे ले जाओ 
हमेशा मुझे लड़कों से दूर रहने को कहा 
पर आज तुम्हें मेरे बापू कुछ न कहेंगे 
अब ज़िन्दगी भर हम साथ रहेंगे   
ऐ अजनबी, घूंघट उठाओ 
मत शरमाओ 
मेरा ये पवित्र जिस्म तुम्हारा है 
आज अचानक से   
आओ, नोंच लो इसे। 

2 comments:

  1. Accha aur sachcha likha hai..
    -Maya

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  2. maine sachcha likhne ki koshish ki hai... tum samajh saki, digest kar saki to achha kehti ho... varna kuchh log isi se offend bhi ho sakte hain... that's why I shared it on facebook as 'let's talk bullshit'.. :)

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