मोहब्बत के मिजाज़ बदल गए अख्तरी
उस झील के पानी में
जब भी डूबने को जी चाहा
खुद को घुटनों तक के
पानी में खड़ा पाया
उस झील के गंदले पानी में
डूबूँ तो कैसे
मय का असर भी
आजकल कुछ और ही है
खुमार होते ही सीने में
किसी की याद की चिंगारियां
आग पकड़ने लगती है
बात ना करूँ तो धधकती है
बात कर लूँ तो बुझ जाती है
तेरी आवाज़ के सिवा अख्तरी
अब डूबने को और बचा क्या है
तुम ऐसा करो कि आ जाओ
या मुझे बुला लो अपने पास
मैं तुम्हारे लिए
पान बना दिया करूँगा
तुम्हारी सिगरेट जला दिया करूँगा
और हाँ, तुम्हारे हारमोनियम की
धूल साफ़ कर दिया करूँगा मैं
तुम मुझे अपना पास बुला लो
क्योंकि तेरी आवाज़ के सिवा अख्तरी
अब डूबने को और बचा क्या है
उस झील के पानी में
जब भी डूबने को जी चाहा
खुद को घुटनों तक के
पानी में खड़ा पाया
उस झील के गंदले पानी में
डूबूँ तो कैसे
मय का असर भी
आजकल कुछ और ही है
खुमार होते ही सीने में
किसी की याद की चिंगारियां
आग पकड़ने लगती है
बात ना करूँ तो धधकती है
बात कर लूँ तो बुझ जाती है
तेरी आवाज़ के सिवा अख्तरी
अब डूबने को और बचा क्या है
तुम ऐसा करो कि आ जाओ
या मुझे बुला लो अपने पास
मैं तुम्हारे लिए
पान बना दिया करूँगा
तुम्हारी सिगरेट जला दिया करूँगा
और हाँ, तुम्हारे हारमोनियम की
धूल साफ़ कर दिया करूँगा मैं
तुम मुझे अपना पास बुला लो
क्योंकि तेरी आवाज़ के सिवा अख्तरी
अब डूबने को और बचा क्या है
sone do us bechari ko...
ReplyDeletebecharon ko neend kahan, jinhe neend aa jae, wo bechare kahan...
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